देवाधिदेव महादेव का योगी स्वरुप को दर्शाता चित्र मित्रों, आप लोगो के द्वारा दिया जा रहा प्रेम और स्नेह मुझे विश्वास दिला रहा है कि यह वेबसाइट आपकी उम्मीदों के अनुसार कार्य कर पा रही है। पिछले दिनों मैंने श्री कागभुशुण्डि जी के बारे में लिखा था। उसमें एक जगह भगवान महादेव की अमोघ स्तुति शिवरूद्राष्टक के बारे में लिखा गया था जिसका पाठ करने से भगवान शिव की कृपा तुरंत प्राप्त होती है तथा हमारा मन-मष्तिष्क सकारात्मक ऊर्जा से भर उठता है। आपमें से अनेक पाठकों के अनुरोध मुझे प्राप्त हो रहे हैं कि इस स्त्रोत के बारे में विस्तृत रूप से लिखूं। यकीन मानिए।मैंने लिखना चाहा, पर हिम्मत नहीं जुटा पाया। शिव की भक्ति को शब्दों में समेटना असंभव है।मैंने सारे अनुरोधों को हाथ जोड़कर किनारे कर दिया। लेकिन, एक पाठक ने गजब का आग्रह कर डाला! उन्होंने कहा -" जो जी में आये,बस लिख डालो!जबतक लिखोगे, शिव का ही स्मरण होगा! जो भी लोग तुम्हारा लिखा पढ़ेंगे, उतनी देर शिव को ही याद करेंगे!!शिव कृपा से ही उनका स्मरण करने का मौका मिलता है।" उनकी बात मुझे अकाट्य लगी। महादेव को याद करके मै...
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