दोस्तों,आज हम एक बड़ी ही प्रसिद्ध कथा के बारे में बात करेंगें। यह कथा है किष्किंधा के राजा बालि की। श्रीरामचंद्र जी द्वारा बालि के वध की। बालि को मारकर सुग्रीव को राज्य दिलाने की। इस कथा को अधिकांश लोगों ने पढ़ा होगा। टीवी पर देखा होगा। कहीं न कहीं सुना होगा। दोस्तों, आज हम इस कथा को योगविज्ञान की मदद से देखेंगे। क्यों? क्योंकि अनेक शोधकर्ताओं का मानना है कि यह कथा रहस्यमयी है। अपने प्रचलित अर्थ से अलग किन्हीं अन्य तथ्यों की तरफ संकेत करती है। श्रीरामचंद्र जी, बालि और सुग्रीव की इस कथा का वास्तविक अर्थ योगविज्ञान के जरिये ही समझा जा सकता है। अगर हम इस कथा में छिपे संकेतों को समझ लें, तो बहुत लाभ उठा सकते हैं। "आइये, सबसे पहले एक प्रश्न लेते हैं। राम और बालि की इस कथा को गूढ़ रूप में क्यों लिखा गया? इसमें कुछ रहस्य छिपाए क्यों गए?" " दोस्तों, हमारे धर्मग्रंथों में बहुत जगहों पर अटपटे प्रसंग मिलते हैं। इनका शाब्दिक अर्थ भी अटपटा, फिजूल और अविश्वसनीय लगता है। इन प्रसंगों को व्यासकूट कहा जाता है। व्यास कूट मतलब? वैसी कोड भाषा code language जिसे कोई योगविज्ञान का जा...
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