दोस्तों, आज हम एक अति महत्वपूर्ण विषय पर बात करेंगे। योगविज्ञान के एक जटिल सिद्धांत को समझेंगे जो हमारे जीवन में बहुत उपयोगी है। यह कई प्रकार की समस्याओं से हमें बचाता है। आइये, एक कहानी से शुरू करें जो भगवान बुद्ध से जुड़ी है। भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे। जहां भी जाते, भीड़ जुट जाती! लोग उनके उपदेशों को सुनकर कृतार्थ होते। उस वक़्त एक परंपरा थी। साधु- महात्मा लोग गृहस्थों के यहां भिक्षा मांगकर भोजन करते थे। यह परंपरा हम आज भी भारत के कुछ क्षेत्रों में देख सकते हैं। भगवान बुद्ध के कुछ शिष्य भिक्षा मांगने एक नगर में पहुंचे। वहां एक विचित्र घटना देखने को मिली। नगर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति ने एक बहुत ऊंचा खंभा गड़वाकर शिखर पर एक थैली रखवाई थी। घोषणा थी कि जो भी व्यक्ति उस खंभे पर चढ़कर थैली उतारेगा, उसे ढेर सारा इनाम मिलेगा। बहुतों ने कोशिश की! पर सफल कोई नहीं हुआ। लोगों ने भिक्षुओं से आग्रह किया कि योगबल से उस खंभे पर चढ़कर थैली उतारें और उस व्यक्ति का गर्व चूर करें! लोगों का मानना था कि ये असंभव सा कार्य कोई सिद्ध योगी ही कर सकता है। दोस्तों, अब थोड़ा रुकिए। ...
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