आज बात करते हैं, परशुराम के बारे में। इनका व्यक्तित्व बड़ा ही विलक्षण है! हजारों युग आए और गए! लेकिन इनकी कथा हर समय कही- सुनी जाती रही है! इन्हें चिरंजीवी भी कहा जाता है क्योंकि इनकी लोकप्रियता और व्यक्तित्व समय और काल से परे रहे हैं। हर युग में इनकी उपस्थिति मानी गयी है। परशुराम अपने समय के सबसे बड़े विद्वान ऋषियों में थे। लेकिन एक अनूठी बात थी! वो अपने समय के सबसे बड़े योद्धाओं में भी गिने जाते थे। शास्त्र और शस्त्र का यह संगम और किसी में आज तक नहीं देखा गया! हमेशा युद्ध के लिए उत्सुक रहने वाला यह परम क्रोधी ब्रम्हज्ञानी ऋषि तत्कालीन जनता के लिए श्रद्धा का एवं तत्कालीन राजाओं के लिए भय का विषय था! जब जब राजाओं ने उनसे टक्कर ली, विनाश को ही प्राप्त हुए! प्रमाणों के अनुसार, वे आरंभिक जीवन में बड़े सरल, विनम्र करुणाशील एवं अंतर्मुखी युवा थे! ब्रम्हज्ञान की धुन में लीन यह युवा आश्रम की भीड़ का ही एक हिस्सा था! दोस्तों, आज हम इन्हीं परशुरामजी के विषय मे चर्चा करेंगे। देखेंगे, आखिर वो कौन सी परिस्थितियां थीं, जिन्होंने एक सीधे सरल छात्र को युग का सबसे अजेय योद्धा बना दिया! इतन...
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